एसिडिटी क्या है? | Acidity In Hindi
Acidity एक ऐसा रोग है, जो आमाशय में एसिड की मात्रा बढ़ जाने के कारण उत्पन्न होता है। दूसरे शब्दों में जब पेट की गैस्ट्रिक ग्लैंड एसिड का उत्पादन आवश्यकता से अधिक करने लगती है, तब एसिडिटी की समस्या उत्पन्न जाती है। फास्ट फूड के इस जमाने में हर तीसरा व्यक्ति एसिडिटी से पीड़ित रहता है।
Acidity की समस्या कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जैसे कि अधिक मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करना, चाय, कॉफी, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, चिंता, क्रोध, देर रात तक जागना, लंबे समय तक खाली पेट रहना, मानसिक तनाव, अधपका भोजन व अन्य कारण आदि।
Acidity से पीड़ित व्यक्ति में पेट व छाती में जलन, खट्टी डकार, मुंह में पानी भर आना, पेट में दर्द, भारीपन, गैस की शिकायत होना, कलेजा जलता प्रतीत होना, खट्टी उल्टी आना, गले में जलन होना, जी मिचलाना, कब्ज की समस्या होना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
एसिडिटी के कारण क्या हैं? | Acidity Couses In Hindi
एसिडिटी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- एसिड रिफ्लक्स
- नॉनवेज फूड
- मिर्च मसालेदार भोजन
- अधपका का खाना
- मानसिक तनाव
- अधिक समय तक भूखा रहने
- दर्द निवारक गोलियों का सेवन
- देर रात तक जागने
- क्रोध
- चिंता
- चाय
- कॉफी
- तंबाकू
- गुटखा
- सिगरेट
- पेप्टिक अल्सर
- शराब
- किसी बीमारी का संक्रमण होना आदि।
एसिडिटी के लक्षण क्या है? | Acidity Symptoms In Hindi
एसिडिटी के लक्षण निम्नलिखित है-
- जी मिचलाना
- पेट में जलन होना
- छाती में जलन होना
- खट्टी डकारें आना
- मुंह में पानी भर आना
- पेट में दर्द
- पेट में भारीपन
- गैस की समस्या
- हृदय में जलन
- खट्टी उल्टी आना
- गले में जलन होना
- कब्ज की समस्या होना
एसिडिटी से बचने के उपाय | Prevention Of Acidity In Hindi
एसिडिटी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए।
- मिर्च मसालेदार भोजन के सेवन से बचना चाहिए
- गरिष्ठ आहार नहीं लेना चाहिए।
- तेल से तली हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- चटपटी तथा अधिक नमक युक्त पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- शराब, चाय, कॉफी, तंबाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अचार, चटनी, मांस, मछली, अंडा आदि का सेवन कब करना चाहिए।
- भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
- मिठाईयां व सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से बचना चाहिए।
- देर रात तक नहीं जागना चाहिए।
- लंबे समय तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए।
- खाली पेट दर्द निवारक दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- क्रोध, चिंता, मानसिक तनाव से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
- सुबह खाली पेट नियमित घूमने जाना चाहिए।
एसिडिटी से राहत पाने के घरेलू उपचार | Home Remedies For Acidity And Gas Problem In Hindi
एसिडिटी से राहत पाने के लिए घर पर यह उपाय जरूर अपनाएं।
- नारियल पानी– इसमें बायोएक्टिव एंजाइम व पाए जाते हैं, जो कि पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसमें पोटेशियम व इलेक्ट्रोलाइट्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एसिडिटी में नारियल पानी का सेवन किया जा सकता है।
- दालचीनी– दालचीनी के पानी में इम्यूनिटी बूस्टर एंटीफंगल, एंटीवायरल तथा एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है। दालचीनी का पानी पीने से पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर होती है। इसीलिए यह एसिडिटी की समस्या में भी लाभदायक है।
- गुड– इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है, आंखों की कमजोरी, हड्डियों की कमजोरी तथा पाचन संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है।
- तुलसी– तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर पीने से तुरंत राहत मिलती है।
- केला-केले का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि केले में भरपूर मात्रा में पोटेशियम तथा अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं केला पेट में अधिक एसिड बनने को रोकता है।
- ठंडा दूध– दूध में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो पीएच स्तर को मेंटेन करता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है तथा पेट में होने वाली जलन तथा एसिड रिफ्लक्स से होने वाली जलन से तुरंत राहत देता है।
- जीरा– जीरे में प्राकृतिक तेल पाए जाते हैं, जो हमारी लार ग्रंथियों को एक्टिवेट करते हैं और पेट एसिड की वजह से होने वाली जलन को कम करते है। दस्त और पेट फूलने की समस्या में भी जीरे का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- अजवाइन– इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स तथा पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखे हैं। अजवाइन के नियमित सेवन से पेट में दर्द, पेट में गैस, पेट में जलन, भारीपन, पेट फूलना आदि समस्याएं दूर हो जाती है।
- सौंफ– सौंफ को पूरी रात के लिए पानी में भिगोकर रखें और सुबह उठकर सौंफ का पानी पीएं। इसके नियमित इस्तेमाल से एसिडिटी तथा पाचन संबंधी अन्य समस्याएं भी दूर होगी।
- पपीता– पपीता का सेवन करने से जल्दी राहत मिलती है। सुबह प्रतिदिन खाली पेट पपीता के सेवन से पेट की जलन तथा पेट से संबंधित अन्य समस्याएं दूर होती है।
- खीरा– खीरे में भरपूर मात्रा में पानी पाया जाता है, जो शरीर को हाइड्रेट करता है। यह पेट में जलन, गैस और एसिड रिफ्लक्स की समस्या को दूर करता है।
- लौकी– लौकी का रस पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है तथा पाचन तंत्र संबंधी अनेकों समस्याओं को दूर करता है। लौकी के रस को पीने से एसिडिटी, पेट में जलन, कब्ज, बेड कोलेस्ट्रॉल आदि समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- सुबह खाली पेट पानी– एसिडिटी का रामबाण उपाय माना जाता है। क्योंकि सुबह खाली पेट पानी पीने से ना केवल एसिडिटी की समस्या दूर होती है बल्कि 50 प्रकार से ज्यादा बीमारियों से बचे रहते हैं।
एसिडिटी का इलाज क्या है? | Treatment Of Acidity In Hindi
एसिडिटी की समस्या का इलाज आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, होम्योपैथिक व अन्य पद्धतियां में मौजूद है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रचलित एलोपैथिक पद्धति में कुछ दवाइयां एसिडिटी में दी जाती है, जो कि निम्नलिखित है।
- Ranitidine
- Omeprazole
- Pantaprazole
- Lansoprazole
- Rabeprazole
- Esomeprazole
- Sodium Bicarbonate
- Dexlansoprazole
- Alluminium Hydroxide
- Magnesium Carbohydrates
- Magnesium Hydroxide
- Magnesium Trisilicate
- Calcium Carbonate
- Others
एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए शारीरिक व्यायाम
- पवनमुक्तासन
- हलासन
- उष्ट्रासन
- वज्रासन
- तिर्यक ताड़ासन
- रनिंग
- तैराकी
- टहलना
- हल्का वजन उठाना
एसिडिटी कम करने के प्राकृतिक तरीके क्या है? | Natural Ways To Reduce Acidity In Hindi
प्रकृति में तरह-तरह की फल, सब्जियां, अनाज, आयुर्वेदिक औषधियां पाई जाती हैं। जो हमारे शरीर को प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रखने के लिए सक्षम होती है। जिनमें से कुछ चीजें निम्नलिखित हैं जो एसिडिटी में लाभदायक सिद्ध होती हैं।
- नारियल का पानी
- तुलसी के पत्ते
- अदरक
- केला
- सेब
- पपीता
- ठंडा दूध
- अजवाइन
- सौंफ व
- अन्य खाद्य पदार्थ
एसिडिटी का निदान कैसे किया जाता है? | Acidity Diagnosis In Hindi
एसिडिटी के निदान के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं।
- एंडोस्कोपी
- Ph मॉनिटरिंग
- बेरियम एक्स-रे
- सोनोग्राफी
क्या एसिडिटी के लिए तत्काल देखभाल के लिए जाना चाहिए? | When To Go For Acidity Care In Hindi
यदि व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है, निगलने में कठिनाई होती है, घुटन, ब्लैक स्टूल, पेट में असहनीय दर्द आदि समस्याएं होने पर तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
एसिडिटी और गैस में क्या अंतर है?
जब हमारे पेट में आवश्यकता से अधिक एसिड बनने लगता है, तो इस कंडीशन को एसिडिटी कहते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद या कार्बोहाइड्रेट के किण्वन के बाद डकार आना, पेट फूलना इस प्रकार की समस्या की समस्या को गैस कहते हैं।
एसिडिटी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
एसिडिटी होने के बाद हमारे शरीर में पेट में जलन, छाती में जलन, पेट भारी होना, पेट फूलना, खट्टी डकार आना, पेट दर्द हृदय में जलन आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं।
एसिडिटी के मुख्य कारण तेज मिर्च मसालेदार भोजन, तले हुए भोजन का सेवन करना, चाय, कॉफी, शराब का अधिक सेवन, मानसिक तनाव आदि हो सकते हैं।
हमारे गलत खानपान की वजह से पेट में आवश्यकता से अधिक एसिड बनने लगता है, तो इस कंडीशन को एसिडिटी कहा जाता है।
एसिडिटी का खतरा किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, जो व्यक्ति तेज मिर्च मसालेदार भोजन, मांसाहारी भोजन, तले हुए खाद्य पदार्थ, चाय, कॉफी, शराब, धूम्रपान का आवश्यकता से अधिक सेवन करता है।
एसिडिटी की जांच कुछ लक्षणों से भी की जा सकती है। या कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं जैसे कि एंडोस्कोपी, सोनोग्राफी, पीएच मॉनिटरिंग व बेरियम x-ray आदि।
एसिडिटी की दवा लक्षणों के आधार पर डॉक्टर द्वारा अलग-अलग दवा लिखी की जा सकती है।
एसिडिटी को उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे कि तेज मिर्च मसालेदार भोजन तले हुए खाद्य पदार्थ अचार चटनी अधपका हुआ खाना, चाय, कॉफी, शराब व खाद्य पदार्थ आदि।
केला
एसिडिटी से तुरंत राहत पाने के लिए ठंडा दूध, जीरा, अजवाइन, सौंफ, दालचीनी, केला, नारियल पानी, तुलसी, आंवला आदि। इनमें से किसी एक का सेवन करने से एसिडिटी में तुरंत राहत मिलेगी।
एसिडिटी बढ़ने से पेट में जलन, छाती में जलन, पेट में दर्द, खट्टी डकार आना, खट्टी उल्टी आना, गले में जलन, हृदय में जलन, पेट फूलना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
एसिडिटी को जड़ से खत्म करने के लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव करें।
विटामिन सी पहले से एसिडिक होता है। यह आपकी एसिडिटी को और अधिक बढ़ा सकता है।
ठंडा दूध, अजवाइन, जीरा, दालचीनी, गुड़, केला नारियल पानी, तुलसी, आंवला, सोंठ, गिलोय व अन्य पदार्थ एसिडिटी को कम कर सकते हैं।
ठंडा दूध पीने से एसिडिटी कम होती है।
हां। चाय पीने से एसिडिटी बढ़ती है।
कुछ चीजों से एसिडिटी बढ़ती है और कुछ चीजें जैसे फल खाने से एसिडिटी कम भी होती है।
रोज सुबह खाली पेट पानी पीने से एसिडिटी कम हो जाती है
एसिडिटी होने के कई कारण हो सकते हैं, या तो आपका गलत खानपान या फिर कोई बीमारी का संकेत।
पेट में एसिड का पीएच मॉनिटरिंग, बेरियम x-ray, एंडोस्कोपी, सोनोग्राफी या लक्षणों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है।
अपनी जीवनशैली में बदलाव करके, एसिडिटी और गैस उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों से बचाव करके या डॉक्टर से इलाज कराके भी एसिडिटी को खत्म कर सकते हैं?
एसिड को उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों को बार-बार खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है या फिर किसी बीमारी के कारण एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
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