अपच / बदहजमी के लक्षण, कारण, निदान व उपाय 2023
अपच को अजीर्ण या बदहजमी भी कहते हैं। भोजन के रूप में लिया गया आहार अच्छी तरह से ना पचना या हजम ना होना अपच कहलाता है। अपच किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। जैसे कि पेप्टिक अल्सर, GERD, पेट में संक्रमण व गलग्रंथि की बीमारी आदि।
अपच होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि गरिष्ठ भोजन करना, रात्रि में अधिक जागना, अधिक मिर्च मसालेदार भोजन करना, चाय, कॉफी, शराब व तंबाकू का सेवन अधिक करना, शारीरिक परिश्रम ना करना, मानसिक परिश्रम ज्यादा करना, बिना समय भोजन करना, खाना चबा चबा चबाकर न खाना, अधिक मात्रा में खाना, भोजन के तुरंत बाद पानी पीना आदि।
अपच से ग्रसित व्यक्ति में कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। जैसे कि पेट में गैस बनना, शरीर में आलस, जी मिचलाना, दिल की धड़कन बढ़ना, सिर में भारीपन, पेट फूलना, उल्टी होना, छाती में जलन होना, खट्टी डकार आना, भूख ना लगना आदि।

अपच के कारण क्या हैं | Indigestion Causes In Hindi
बदहजमी के कारण निम्नलिखित हैं।
- पेप्टिक अल्सर
- एसिड रिफ्लक्स
- हेलीकोबेक्टर पाईलोरी संक्रमण
- पेट में संक्रमण
- पेट में सूजन
- मोटापा
- चाय, कॉफी, शराब, तंबाकू का अधिक सेवन
- बासी भोजन
- अत्यधिक मिर्च मसालेदार भोजन
- रात्रि में अधिक जागना
- भय, क्रोध, ईर्ष्या, मन में गिलानी
- अरुचिकर भोजन जबरदस्ती सेवन करना
- भोजन के बाद अधिक मात्रा में पानी पीना
- मानसिक परिश्रम अधिक करना
- शारीरिक परिश्रम कम करना
- बिना चबाए भोजन निगलना
- कुसमय भोजन करना
- गरिष्ठ भोजन करना
- पेट का कैंसर
अपच के लक्षण क्या हैं | Indigestion Symptoms In Hindi
बदहजमी के लक्षण निम्नलिखित है।
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- गैस पेट में जलन
- पेट में दर्द
- पेट में भारीपन
- वजन घटना
- भूख न लगना
- छाती में जलन
- खट्टी डकार आना
- मुंह में पानी भर आना
- ह्रदय में जलन होना
- खट्टी उल्टी आना
- गले में जलन होना
- कब्ज की समस्या होना
अपच का निदान कैसे किया जाता है | Indigestion Diagnosis In Hindi
सबसे पहले आपके डॉक्टर आपसे आपके खानपान की आदतों के बारे में व चिकित्सा संबंधी इतिहास के बारे में पूछताछ करेंगे। कुछ लक्षणों के आधार पर निदान कर सकते हैं या फिर समस्या गंभीर होने पर कुछ टेस्ट भी करा सकते हैं। अपच की समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट व नमूनों का सहारा ले सकते हैं, जैसे कि रक्त, मल के नमूने, एंडोस्कोपी, एक्स-रे, सांस परीक्षण, एंटीजन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, USG abdomen आदि।
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अपच का इलाज क्या है | Indigestion Treatment In Hindi
अपच की समस्या को ठीक करने के लिए मार्केट में बहुत सारी दवाइयां उपलब्ध है। जिनमें से कुछ आयुर्वेदिक और कुछ एलोपैथिक दवाइयां सबसे ज्यादा उपयोग में लाई जाती है। अपच से पीड़ित व्यक्ति के लिए अलग-अलग दवाइयां दी जा सकती है। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की मेडिकल कंडीशन अलग-अलग हो सकती है। इसलिए मेडिकल कंडीशन के आधार पर अलग-अलग दवाइयां दी जाती है। कुछ विशेष प्रकार की दवाइयां जो अधिकतर मामलों में दी जाती है, वह निम्नलिखित हैं।
- Unienzyme Tablet/Syrup
- Albendazole Tablet/Syrup
- Iron Supplement
- Folic Acid Supplement
- Zinc Supplement
- Cyproheptadine Hydrochloride
- Protein Supplement
- Proton Pump Inhibitors
- Simethicon
- Some Other Antacids
अपच की रोकथाम | अपच से बचाव कैसे करें?
अपच की समस्या से बचने के लिए कुछ आदतों में सुधार लाना चाहिए। जिससे ना केवल अपच से ही बल्कि कई तरह की अन्य बीमारियों से बच सकते हैं।
- रात में देर तक नहीं जागना चाहिए।
- भोजन को चबा चबा कर खाना चाहिए।
- भोजन के बीच बीच में पानी नहीं पीना चाहिए।
- मानसिक तनाव से दूर रहने की कोशिश करना चाहिए।
- सुबह सूर्योदय से पहले घूमने जाना चाहिए।
- शारीरिक व्यायाम करना चाहिए।
- सुबह खाली पेट एक से दो गिलास पानी पीना चाहिए।
- भोजन के बाद कॉफी पीने से हल्कापन और स्फूर्ति आ जाती है।
- रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
- गुटखा, बीड़ी, तंबाकू, सिगरेट व शराब आदि से बचना चाहिए।
- अधिक मिर्च मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।
- अधिक वसायुक्त भोजन, बासी भोजन, अधपका भोजन नहीं खाना करना चाहिए।
- देर से बचने वाले गरिष्ठ भोजन को नहीं खाना चाहिए।
बदहजमी के जोखिम कारक क्या क्या हो सकते हैं | Indigestion Risk Factors In Hindi
- मिर्च मसालेदार भोजन
- अधिक वसायुक्त गरिष्ठ भोजन
- गुटखा, तंबाकू, पान मसाला, चाय, कॉफी, शराब आदि का सेवन
- आरामदायक जीवन व्यतीत करना
- शारीरिक मेहनत बिल्कुल भी नहीं करना
- देर रात तक जागते रहना
- कुछ बीमारी का संक्रमण
बदहजमी की जटिलताएं क्या है | Indigestion Complications In Hindi
वैसे तो बदहजमी एक मामूली सी समस्या मानी जाती है। लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए, तो बहुत सारी कॉम्प्लिकेशंस हो सकती हैं। जैसे कि भोजन की नली का सिकुड़ना, GERd की समस्या होना, सीने में दर्द, निगलने में कठिनाई होना, पायलोरिक स्टेनोसिस, एसोफैगस कैंसर आदि।
बदहजमी या अपच में परहेज क्या करें | What To Avoid In indigestion in Hindi
बदहजमी से पीड़ित मरीजों के लिए निम्नलिखित चीजों को नहीं खाना चाहिए।
- दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बीड़ी, गुटखा, पान मसाला, सिगरेट, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।
- भोजन करने के तुरंत बाद पानी ना पिए।
- तेज मिर्च मसालेदार, अधिक वसायुक्त भोजन का सेवन ना करें।
- भोजन जल्दी जल्दी ना करें।
अपच के घरेलू उपाय क्या हैं | Home Remedies For Indigestion In Hindi
- शारीरिक व्यायाम करें।
- सूरज उगने से पहले घूमने जरूर जाएं।
- सुबह दो से तीन गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।
- भोजन के बाद कॉफी का सेवन करना चाहिए।
- दिन भर खूब पानी पिए।
- हल्का व सुपाच्य भोजन करना चाहिए।
- नींबू का पानी पीना चाहिए।
- अदरक को किसी भी रूप में खा सकते हैं।
बदहजमी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Indigestion Frequently Asked Questions In Hindi
बदहजमी या अपच एक पाचन संबंधी रोग है। इस बीमारी में व्यक्ति का भोजन अच्छे तरीके से नहीं पचता है। तथा पेट में भारीपन, पेट में दर्द, जलन, छाती में जलन, गैस बनना, उल्टी आना आदि समस्याएं होने लगती हैं।
बदहजमी होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि कुसमय भोजन करना, अधिक मिर्च मसालेदार भोजन करना, भोजन के तुरंत बाद पानी पीना, पेप्टिक अल्सर की समस्या होना, पेट में संक्रमण होना, देर रात तक जागना, परिश्रम ना करना, मानसिक परिश्रम ज्यादा करना व अन्य कारण हो सकते हैं।
नींबू का पानी पीने से अपच जल्दी राहत मिलती है। लॉन्ग को चबाने से अपच से तुरंत राहत मिलती है। अदरक को किसी भी रूप में खाया जा सकता है। अदरक अपच में बहुत ही फायदेमंद है।
बदहजमी के लिए बहुत सारी दवाइयां उपलब्ध है लेकिन हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करना चाहिए। घरेलू दवा के रूप में आप अदरक का सेवन कर सकते हैं।
सोने से 2 घण्टे पूर्व भोजन करना चाहिए तथा बाई तरफ करवट लेकर सोना चाहिए।
खाना ना पचने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि तीखे मिर्च मसालेदार भोजन, किसी बीमारी का संक्रमण, तनाव भरा जीवन व्यतीत करना, शारीरिक मेहनत ना करना, देर रात तक जागना, और भी कई कारण हो सकते हैं।
बदहजमी और एसीडिटी की समस्या को दूर करने के लिए एंटासिड दवाइयां दी जाती है, जो एसिड को न्यूट्रलाइज करती है। जिस कारण अपच और एसीडिटी से राहत मिलती है।