डायरिया: लक्षण, कारण, निदान, इलाज व रोकथाम 2023
डायरिया क्या है? (What is Diarrhoea In Hindi)
डायरिया को आम भाषा में दस्त लगना या लूज मोशन भी कहते हैं। डायरिया एक पाचन संबंधी बीमारी है, जो अक्सर हमारे खाने-पीने की गड़बड़ी से उत्पन्न होती है। वैसे डायरिया होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि वायरल इनफेक्शन, बैक्टीरियल इनफेक्शन, अशुद्ध भोजन या पानी का सेवन करने से, आवश्यकता से अधिक भोजन करना या पाचन संबंधी कोई बीमारी होने के कारण यह समस्या हो सकती है। अन्य शब्दों में- जब भोजन पेट में पच नहीं पाता है और बिना पचा हुआ भोजन watery stool के रूप में आने लगता है तो उसे डायरिया कहते हैं।
Acute Diarrhoea में मल (stool) बार-बार तेजी से आता है। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को डायरिया सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। वैसे तो डायरिया किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। डायरिया के साथ-साथ किसी किसी व्यक्ति को पेचिश की समस्या भी होने लगती है। डायरिया से पीड़ित मरीज को मल त्याग करते समय उदर में ऐठन युक्त पीड़ा होती है। यह बीमारी पूरी दुनिया में फैली हुई है, परंतु यह बीमारी गर्मी वाले स्थानों में ज्यादा होती है। विशेषकर भारत में सबसे ज्यादा यह समस्या होती है।
यह बीमारी भीड़-भाड़ वाली जगह पर तथा गंदगी वाली जगह पर सबसे ज्यादा फैलती है। जो लोग मल त्याग करने के बाद हाथ नहीं धोते हैं और उन्हीं हाथों से सभी काम करते रहते हैं वह लोग इस बीमारी को सबसे ज्यादा फैलाते हैं। कभी-कभी डायरिया महामारी के रूप में भी फैलता है। डायरिया उन जगहों पर ज्यादा फैलती है। जहां साफ सफाई नहीं होती है या जहां बहुत ज्यादा लोग इकट्ठे होते हैं। जैसे मेला, तीर्थ स्थान, शादी फंक्शन आदि।

डायरिया के कारण क्या हैं? (Causes Of Diarrhoea In Hindi)
डायरिया के कारण निम्नलिखित हैं।
- बैक्टीरियल इनफेक्शन
- वायरल इनफेक्शन
- अशुद्ध भोजन का सेवन
- अशुद्ध पानी का सेवन
- ओवर ईटिंग
- पाचन संबंधी विकार
- लीवर की बीमारी
- आंतों की अवशोषण क्षमता में कमी
- एंटीबायोटिक दवाइयों के साइड इफेक्ट
- फूड पॉइजनिंग
- किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी होना
- मौसम में बदलाव
- तीखे मिर्च मसालेदार भोजन का अधिक सेवन
- गरिष्ठ, तली हुई चीजों का अधिक सेवन
- पेट में कृमि होना
- डर, दुख, मानसिक संताप
- रात्रि में देर तक जागना
डायरिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms Of Diarrhoea In Hindi)
डायरिया के लक्षण निम्नलिखित हैं।
- कभी गाढ़ा कभी पतला पानी के समान मल विसर्जन होना
- शारीरिक कमजोरी
- मुंह सूखना
- पेट में दर्द होना
- जी मिचलाना
- शरीर में पानी की कमी होना
- उल्टी आना
- मल के साथ खून आना
- पेट में भारीपन
- थकान व बेहोशी
- ब्लड प्रेशर कम होना
- पेशाब की मात्रा कमी होना
- वजन घटना
- प्यास अधिक लगना
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दस्त कितने प्रकार के होते हैं? (Types Of Diarrhoea In Hindi)
डायरिया दो प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित है।
(1) एक्यूट डायरिया (Acute Diarrhoea)
(2) क्रॉनिक डायरिया (Chronic Diarrhoea)
(1) एक्यूट डायरिया (Acute Diarrhoea) क्या हैं?
एक्यूट डायरिया में मरीज को बार-बार दस्त लगते हैं। एक्यूट डायरिया की समस्या सिगेला (Shigella) जाति के जीवाणुओं के कारण उत्पन्न होती है। रोगी के मल के साथ-साथ बड़ी मात्रा में यह जीवाणु बाहर निकलते हैं। मरीज ठीक होने के बाद भी कई महीनों तक यह जीवाणु बाहर निकलते रहते हैं।
गर्मी तथा वर्षा ऋतु में या बीमारी सबसे ज्यादा फैलती है। और भीड़भाड़ वाली जगह में तेजी से फैलती है। मक्खियों का और संक्रमित व्यक्तियों का इस बीमारी को फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह समस्या सामान्य रूप से 24 से 28 घंटे तक रहती है। दस्त से पीड़ित व्यक्ति को पेट में बहुत ज्यादा दर्द होता है और दिन भर में 5 से 25 बार मल त्याग करना पड़ सकता है।
अतिसार के कारण डीहाइड्रेशन की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। दस्तों की संख्या अधिक होने पर रोगी को बहुत ज्यादा कमजोरी आ जाती है। जैसे जैसे रोग बढ़ता है। वैसे वैसे शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है। दस्त से पीड़ित व्यक्ति को मतली, उल्टी, अधिक प्यास तथा बेचैनी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
(2) क्रॉनिक डायरिया (Chronic Diarrhoea) क्या है?
क्रॉनिक डायरिया की समस्या में रोगी को दिन में 3 से 4 बार दस्त आते हैं। और यह दस्त 3 से 4 हफ्ते तक आ सकते हैं। दस्त के साथ-साथ म्यूकस की अधिकता अधिक होती है। कभी-कभी लाल रंग का मल आ सकता है। रोगी के पेट में हल्का मरोड़ उठता है और उसे दस्त भी जाना पड़ता है। रोगी को बुखार नहीं आता है।
रोगी के शरीर में विटामिन तथा प्रोटीन की कमी हो जाती है। पतला और ढीला मल हफ्तों तक आता रहता है। क्रॉनिक डायरिया आंतों में संक्रमण होने के कारण उत्पन्न होता है। दूषित खान पान की वजह से आंतों में संक्रमण हो जाता है। किसी खाद्य पदार्थ की एलर्जी से भी डायरिया की समस्या हो सकती है।
कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट से भी क्रॉनिक डायरिया की समस्या हो सकती है। क्रॉनिक डायरिया से पीड़ित व्यक्ति को पेट में ऐठन, पेट में दर्द, सूजन, मतली, उल्टी और लूज मोशन की समस्या हो सकती है।
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डायरिया का निदान क्या हैं? (Diagnosis Of Diarrhoea In Hindi)
डायरिया के निदान के लिए कुछ विशिष्ट लक्षणों को पहचाना जाता है तथा कुछ टेस्ट भी किए जाते हैं। एक ही परिवार के कई सदस्यों का एक साथ बीमार होने का इतिहास, बुखार के साथ मरोड़ युक्त व रक्त युक्त मल का उत्सर्जन, डिहाईड्रेशन, विषमता के लक्षण आदि। प्राथमिक तौर पर इन लक्षणों के आधार पर डायरिया का निदान किया जा सकता है। इन लक्षणों के अलावा कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं।
- रक्त परीक्षण (Blood Test)-इस टेस्ट में श्वेत कोशिकाओं की अधिकता मिलती है। तथा पॉलीमोर्फ्स में वृद्धि मिलती है।
- मूत्र परीक्षण (Urine Test)-पेशाब की मात्रा में कमी हो सकती है। तथा एल्बुमिनुरिया भी मिल सकती है।
- मल परीक्षण (Stool Test)-मल में ब्लड तथा श्लेष्मा की उपस्थिति हो सकती है। मल की प्रतिक्रिया क्षारीय हो सकती है। माइक्रोस्कोप से देखने pus सेल दिखाई देते हैं।
डायरिया का इलाज क्या हैं? (Treatment Of Diarrhoea In Hindi)
लक्षणों के आधार पर डायरिया का इलाज किया जाता है। आपके डॉक्टर अलग-अलग तरीके से इसका इलाज करते हैं। डायरिया के इलाज के लिए प्रयोग की जाने वाली दवाइयां निम्नलिखित हैं।
- ORS (इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस के लिए)
- Loperamide Hydrochloride (एंटीडायरियल)
- Norfloxacin (एंटीबायोटिक)
- Lactic Acid bacillus
- Tinidazole (एंटीबायोटिक)
- Cloramphenicol (एंटीबायोटिक)
- Streptomycin (एंटीबायोटिक)
- Cotrimoxazole (एंटीबायोटिक)
- Ampicillin (एंटीबायोटिक)
- Tetracycline (एंटीबायोटिक)
- Aceclofenac (पेट दर्द के लिए)
- Drotaverine (पेट दर्द के लिए)
- Rebeprazole (गैस के लिए)
- Domperidone (गैस व उल्टी के लिए)
- Rececadotril (एंटीडायरियल)
- Gentamicin (एंटीबायोटिक)
- Diclofenac sodium (पेट दर्द के लिए)
- Dicyclomine (पेट दर्द व मरोड़ के लिए)
- Ondasetron (उल्टी के लिए)
- Metronidazole (एंटीबायोटिक)
- Ciprofloxacin (एंटीबायोटिक)
- Inj NS 500 (ब्लड प्रेशर संतुलित करने के लिए)
- Inj DNS 500 (ब्लड प्रेशर संतुलित करने के लिए)
- Inj RL 500 (ब्लड प्रेशर संतुलित करने के लिए)
Disclaimer- यह जानकारी केवल जनरल इनफार्मेशन के लिए दी गई है। अपनी मर्जी से किसी भी दवा का इस्तेमाल नहीं करना है। अगर किसी भी व्यक्ति को डायरिया की समस्या है, तो वह अपने नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं।
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दस्त की रोकथाम कैसे करें? (Prevention of Diarrhoea In Hindi)
- रोगी को शर्करा युक्त पानी का अधिक सेवन कराना चाहिए। जिससे डायरिया में तुरंत राहत मिलती है।
- दस्त लगने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए रोगी को प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति को शौच के बाद अच्छी तरह से हाथ धोने चाहिए।
- अनजाने में संक्रमित व्यक्ति से यह बीमारी अधिक फैलती है। इसलिए अपनी तथा अपने आसपास की साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति को खुले में शौच जाने से मना करना चाहिए।
- हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करना चाहिए।
- हाथों को सैनिटाइज करना चाहिए।
- स्वास्थ की जानकारी रखना चाहिए जैसे कि संक्रमण कैसे फैलता है और कैसे संक्रमण से बचें।
- रोटावायरस की वैक्सीन लगवानी चाहिए।
दस्त के घरेलू उपाय क्या हैं? (Home Remedies For Diarrhoea In Hindi)
- ORS का घोल या फिर एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी और चुटकी भर नमक मिलाकर पीना चाहिए।
- भोजन के रूप में दही चावल का सेवन करना चाहिए।
- पके हुए चावल का पानी, मूंग, मसूर की दाल का सूप सेवन करना चाहिए।
- दोपहर में लौकी का रायता पीना चाहिए।
- घर पर दही की लस्सी बनाकर भी पी सकते हैं।
- रोगी को पूर्ण विश्राम करना चाहिए।
- साफ स्रोत का पानी पीना चाहिए तथा पानी छानकर पीना चाहिए।
- भोजन पकाने वाले बर्तनों को अच्छे से साफ करना चाहिए।
- फल, सब्जियां, अनाज आदि को साफ करके ही इस्तेमाल करना चाहिए।
- पानी को उबालकर, ठंडा करके पीना चाहिए।
- हाथों के नाखून को काटकर रखें क्योंकि बड़े नाखून से संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है।
- भोजन करने से पहले हाथों की अच्छी सफाई करें।
- रात्रि में देर तक ना जागे।
- गंदा व बासी पानी ना पिएं।
- तली, भारी, मिर्च मसालेदार चीजों का सेवन ना करें।
- चाय, शराब, कॉफी, दूध आदि का सेवन ना करें।
- बिना ढकी हुई खाने वाली चीजों का उपयोग ना करें। या मक्खियां बैठी हुई खाने वाली चीजों का उपयोग ना करें।
- फ्रिज में रखे हुए खाद्य पदार्थ को निकालकर तुरंत सेवन नहीं करना चाहिए।
- केले का सेवन सुबह दोपहर शाम कर सकते हैं इससे भी डायरिया में तुरंत राहत मिलती है।
- नींबू, संतरा, मौसमी, अनार, गन्ने का रस पीने से भी डायरिया में राहत मिलती है।
- पपीता, मीठा सेब खाने से भी डायरिया में राहत मिलती है।
- दावतों में पहले से कटी हुई सलाद का सेवन नहीं करना चाहिए।
- आवश्यकता से अधिक भोजन नहीं करना चाहिए।
- अरुचिकर भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
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डायरिया से अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently asked questions from Diarrhoea In Hindi)
दूषित खान पान की वजह से डायरिया की समस्या सबसे अधिक होती है।
(1) एक्यूट डायरिया (2) परसिस्टेंट डायरिया (3) क्रॉनिक डायरिया
अतिसार को दस्त लगना या लूज मोशन भी कहते हैं। असमान रूप से पतले, पानी युक्त, मरोड़ के साथ या बिना मरोड़ के साथ मल का बार बार आना अतिसार कहलाता है।
वैसे दस्त होने के अनेक कारण हो सकते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा वायरल इनफेक्शन , बैक्टीरियल इनफेक्शन, गंदे खानपान, ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन के सेवन की वजह से होता है।
ORS, दही, चावल, खिचड़ी, मूंग, मसूर की दाल का सूप, अखरोट, साबूदाना, लौकी का रायता, दही की लस्सी, सेव, केला, नींबू, संतरा, अनार, पपीता आदि तेजी से अतिसार को रोकते हैं।
एक गिलास पानी में एक चम्मच शक्कर और चुटकी भर नमक मिलाकर पीने से दस्त को रोक सकते हैं। या सुबह, दोपहर, शाम को केले का सेवन करने से भी दस्त को रोका जा सकता है।
डायरिया की समस्या तीन से चार हफ्ते तक रह सकती है। लेकिन इस दौरान आपको इलाज की जरूरत होती है।
जब इसका समय रहते इलाज न किया जाए तो डायरिया गंभीर हो सकता है।
हां। अधिक मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करने से, किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी होने पर, दूषित फल, सब्जियां, पानी, खाना आदि का सेवन करने से, अधपका मांस खाने से दस्त लग सकते हैं।
अगर डायरिया वायरल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन से नहीं हुआ है। तो शायद डायरिया अपने आप ठीक हो सकता है। लेकिन आपको अपने आप ठीक होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए और अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
लूज मोशन की समस्या होना।
एक्यूट डायरिया की कंडीशन में दस्त पानीदार हो सकते हैं।
दिन में 4 से 5 बार दस्त लगना सामान्य हो सकता है। लेकिन कभी कभी रोगी को 20 से 25 बार दस्त लग जाते हैं।
लूज मोशन, पेट में दर्द व मरोड़ होना वा शरीर में पानी की कमी होना मुख्य लक्षण हैं।
दूध, शराब, चाय, कॉफी, भारी, तली, मिर्च मसालेदार चीजें, अचार, इमली, बैगन, घुइयाँ, फ्रीज में रखी चीजें, पहले कटी हुई बिना ढकी सलाद आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
ORS, फलों का जूस, दही की लस्सी आदि।
1-चीनी व नमक का घोल
2-दही चावल
3-मूंग, मसूर का सूप
4-अखरोट
5-साबूदाना
6-रायता
7-केला
8-नींबू
9-मौसमी
10-संतरा
11-अनार
12-बेल का मुरब्बा
हां। एंटीबायोटिक दवाएं दस्त की समस्या को दूर करती हैं।
हां। डायरिया होने से पर वजन कम होने लगता है।
दही चावल, खिचड़ी, मूंग की दाल का सूप, अखरोट, साबूदाना, दही की लस्सी, लौकी का रायता आदि।
हां। बिल्कुल दस्त होने पर पानी पीना चाहिए। एक गिलास पानी में चुटकी भर नमक और एक चम्मच चीनी मिलाकर पीने से और अधिक फायदा मिलता है।
हां। दही दस्त के लिए बहुत अच्छा है।
दस्त में चाय पीने से दस्त की समस्या और अधिक बढ़ जाती है। इसीलिए दस्त में चाय का सेवन नुकसानदायक होता है।
दस्त रोकने के लिए दो से तीन केले सुबह, दोपहर, शाम सेवन करना फायदेमंद है।
नहीं।
केला, नींबू, मौसमी, संतरा, अनार, पपीता, गन्ने का रस, मीठा सेब, बेल का मुरब्बा आदि डायरिया के लिए फायदेमंद है।
हां ।
कुछ लक्षणों के आधार पर या फिर रक्त परीक्षण से, मल परीक्षण से, मूत्र परीक्षण से पता कर सकते हैं कि डायरिया बैक्टीरियल है या वायरल है।
एंटीडायरियल और एंटीबैक्टीरियल दवाइयां दस्त की समस्या को दूर करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
एनाल्जेसिक, एंटीडायरियल और एंटीबैक्टीरियल
क्योंकि शरीर में विटामिन, इलेक्ट्रोलाइट, पानी और प्रोटीन की कमी आ जाती है।
हां।
क्योंकि शरीर में पानी की कमी, विटामिन की कमी और प्रोटीन की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में कमजोरी तथा थकान महसूस होती है।
दिन में 3 से 4 लीटर पानी पीने पर दस्त से तुरंत राहत मिलती है। या एक गिलास पानी में चुटकी भर नमक और एक चम्मच चीनी मिलाकर पीने से दस्त को तेजी से रोका जा सकता है।
शरीर में 1-इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना, 2-विटामिंस की कमी होना, 3-प्रोटीन की कमी होना, 4-कमजोरी व थकान महसूस होना, 5-ब्लड प्रेशर कम होना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
चाय, शराब, कॉफी, दूध आदि नहीं पीना चाहिए
हां। कम मात्रा में दाल का सेवन कर सकते हैं। या खिचड़ी का सेवन कर सकते हैं।
नहीं। अंडा गर्मी पैदा करता है और दस्त की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए डायरिया की समस्या में अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
हां ।
चावल आसानी से जल्दी पच जाते हैं तथा पानी की कमी को भी पूरा करते हैं। इसलिए डायरिया में चावल खाना फायदेमंद है।
केला में प्रचुर मात्रा में फाइबर होते हैं। जो आंतों में पानी का अवशोषण बढ़ा देते हैं। जिस कारण लूज मोशन या दस्त की समस्या दूर हो जाती है।
इमली, आम, दूषित व कच्चे फलों के सेवन से बचना चाहिए।
हां ।
डायरिया की समस्या से तुरंत राहत पाने के लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी तथा चुटकी भर नमक मिलाकर पीना चाहिए। यह घरेलू नुस्खा डायरिया या अतिसार में तुरंत आराम देता है।
डायरिया का समय पर इलाज ना किया जाए या इस समस्या को लंबे समय तक बिना ध्यान दिए छोड़ दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है।
लोपरामाइड (एंटीडायरियल) और मैट्रोनिडाज़ोल (एंटीबायोटिक) । यह दवाइयां केवल इनिशियल स्टेज पर काम करती है। लेकिन लूज मोशन या डायरिया का इलाज मरीज की मेडिकल कंडीशन के आधार पर किया जाता है और इलाज में कई तरह की अलग अलग दवाइयों का प्रयोग किया जाता है।
हां। डायरिया से वजन कम हो सकता है।
वायरल इनफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण
नहीं।
फाइबर युक्त भोजन, खिचड़ी, केला, अनार, सेब, पपीता, संतरा, मौसमी, मूंग की दाल, चावल आदि का सेवन करना चाहिए।
नहीं ।